रस्किन बॉण्ड हमारी आँखों से ओझल दुनिया की पुनर्रचना करने वाले जादूगर हैं। यह ओझल दुनिया कहीं रोमाँच, भय, जिज्ञासा के हमारे अपने ही मनोभावों की है तो कहीं कीट, पतंगों, फूल-पौधों या मामूली भुनगों की। रस्किन की नज़र पाते ही मामूली चीज़ें भी अपने अनोखेपन से दीप्त हो उठती हैं। उन्हें पढ़ते हुए हमेशा लगता रहता है कि यह दुनिया अकथ्य सुन्दर है। जिसका रचयिता इसे और सुन्दर बनाने की ज़िम्मेदारी हम पर डालकर स्वयं कहीं छिप गया है। यह किताब हिंदी पाठकों के लिए रस्किन की इस अनोखी और बहुरंगी दुनिया में उतरने का दुर्लभ अवसर है।